- कौस्तुभ उपाध्याय
हाई ब्लड प्रेशर के कारण और प्रभाव
हाई ब्लड प्रेशर की वजहों की बात करें तो आज की दौड़भाग भरी जिंदगी, तनाव, आर्थिक चिंताएं, पारिवारिक जिम्मेदारियां, मोबाइल व सोशल मीडिया के बढ़ते डिजिटल ओवरलोड और बैठे रहने वाली जीवनशैली (sedentary lifestyle) वजहें हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती हैं। साथ ही खानपान की बिगड़ी आदतें, जैसे कि ज्यादा नमक, चीनी और प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड खाना और भोजन में ताजे फल, हरी सब्जियों की कमी ब्लड प्रेशर को असंतुलित करती है। अनियमित नींद भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या की एक बड़ी वजह बनती है, क्योंकि रात को 6-8 घंटे की अच्छी नींद शरीर को शारीरिक और मानसिक थकान से उबरने में मदद करती है। इसक अभाव में शरीर का भीतरी संतुलन बिगड़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार आज दुनिया भर में करीब 1.28 अरब वयस्क (18–79 वर्ष) हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। इनमें से 46% को यह पता भी नहीं कि उन्हें यह समस्या है। इससे उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जाती है। ICMR-NCDIR India की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 5 में से लगभग 1 वयस्क (20%) को उच्च रक्तचाप है। शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 25% से ऊपर तक है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह हृदय रोग, स्ट्रोक, और किडनी फेल्योर जैसी गंभीर समस्या पैदा कर देता है। 70% स्ट्रोक और 50% हार्ट अटैक के मामलों के पीछे हाई ब्लड प्रेशर ही कारण बनता है।
ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से अधिक, तो हो जाएं सतर्क
नॉर्मल ब्लड प्रेशर: 120/80 mmHg
120-129 / <80: Elevated
130-139 / 80-89: Stage 1 Hypertension
≥140 / ≥90: Stage 2 Hypertension
क्या पानी पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है?
पानी हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी चीज है। इसका सीधा संबंध हमारे ब्लड प्रेशर से है। चूंकि हमारे खून में लगभग 90% पानी होता है, इसलिए पानी की कमी (डिहाइड्रेशन ) से रक्त की मात्रा कम हो सकती है और रक्त का घनत्व भी बढ़ जाता है। इससे दिल को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसके अलावा, डिहाइड्रेशन से वेसोप्रेसिन नामक हार्मोन का स्राव होता है, जो रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
Verywellhealth की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 6 से 8 गिलास (लगभग 1.5 से 2 लीटर) पानी पीने से हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम किया जा सकता है। पानी अधिक पीने से शरीर से अतिरिक्त सोडियम मूत्र के माध्यम से बाहर निकलता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। इस तरह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए पानी पीना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी अच्छा नहीं है। इससे ओवरहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, अपने शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार ही पानी पीना चाहिए।
बचाव के उपाय
दिन की शुरुआत सुबह एक गिलास पानी पीकर करें। दिन भर में 6-8 गिलास सादा पानी पिएं। गर्म मौसम मेंऔर एक्सरसाइज के बाद पानी की मात्रा बढ़ाएं। ध्यान रखें पानी की इस खपत में चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक इसमें शामिल नहीं हैं।
डॉक्टर की सलाह लेकर कुछ हर्बल विकल्प या घरेलू नुस्खे भी अपनाए जा सकते हैं। जैसे- मेथी, धनिया या तुलसी के बीजों को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट पीने से ब्लड प्रेशर संतुलन में मदद मिल सकती है। हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए नमक की मात्रा पर भी नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है। WHO की गाइडलाइन के अनुसार, एक वयस्क को दिन में अधिकतम 5 ग्राम (एक चम्मच) नमक खाना चाहिए, लेकिन भारतीय लोग औसतन 10-12 ग्राम प्रतिदिन खाते हैं। इसके अलावा धूम्रपान और शराब पीने से भी न केवल रक्तचाप बढ़ाता है, बल्कि यह ब्लड वेसल्स को कठोर और संकरा कर देता है।
बुजुर्गों में अकसर प्यास को महसूस करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए उन्हें नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए। इसके अलावा डायबिटिक लोगों को भी पानी पीने केा लेकर काफी सजग रहना चाहिए। इन्हें पानी के साथ इलेक्ट्रोलाइट संतुलन पर भी ध्यान देना चाहिए। किडनी और हार्ट रोगियों को अपने डॉक्टर से सलाह के मुताबिक पानी पीना चाहिए। इन्हें डिहाइड्रेशन और ओवर हाइड्रेशन दोनों ही स्थितियों से बचना चाहिए ।
हाई ब्लड प्रेशर एक आम तौर पर पाई जाने वाली स्वास्थ्य समस्या है, पर उचित जीवनशैली अपना कर और पर्याप्त पानी पीकर इससे बचा जा सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम करना और तनाव पर नियंत्रण इसकी रोकथाम में सहायक हो सकते हैं। आइए, इस विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर हम सभी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की ओर कदम बढ़ाएं।
भारत में सबसे ज्यादा हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों वाले राज्य
स्रोत: BMC Public Health, 2024
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