समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव 'भीष्म पितामह' कहे जाने वाले और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे उत्तर प्रदेश के संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया।
लंबे समय से बीमार बर्क अस्पताल में भर्ती थे। सपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हाल ही में उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की थी, उसमें बर्क का नाम भी शामिल था। साल 2019 का चुनाव जीतने के बाद वह संसद में सबसे बुजुर्ग सांसद के तौर पर मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार सदन के बुजुर्ग सांसदों का जिक्र करते हुए उनका नाम लिया था। बर्क यूपी के बड़े मुस्लिम नेता में गिने जाने जाते थे और अपने बेबाक बयानों की वजह से चर्चा में भी रहे। वह पांच बार से सांसद और चार बार विधायक रह चुके थे।
11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में जन्मे शफीकुर्रहमान बर्क ने पहली बार 1974 में विधायकी का चुनाव लड़ा था। बीकेडी के टिकट पर संभल से जीत हासिल कर वह विधायक बने थे। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी से, 1985 में लोकदल से और 1989 में जनता दल से विधायक रहे।
बर्क सपा की शुरुआत से ही पार्टी में शामिल रहे। उन्होंने पहली बार 1996 में सपा के टिकट पर मुरादाबाद से लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद वह 2004 तक लगातार सपा के टिकट पर सांसद रहे। साल 2009 में उन्होंने अपनी सीट और पार्टी दोनों बदली और बीएसपी के टिकट पर संभल से चुनाव जीते।
साल 2014 की मोदी लहर में बर्क चुनाव हार गए, लेकिन साल 2019 में सपा और बसपा के गठबंधन ने उन्हें फिर से सांसद बना दिया। वह फिर से समाजवादी पार्टी में लौट आए थे। साल 2024 में भी अखिलेश ने उन पर भरोसा जताया था और पहली ही लिस्ट में संभल से उन्हें उम्मीदवार बनाया था।
बर्क के निधन के बाद अब यह देखना होगा कि समाजवादी पार्टी उनकी जगह संभल से किसे चुनावी मैदान में उतारती है। शफीकुर्रहमान बर्क का पोता विधायक है इसके अलावा उनकी पोती एक डॉक्टर हैं।

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