कट गया है टीडीएस, तो ऐसे ठीक करा कर ले सकते हैं रिफंड : जानिए पूरी प्रोसेस


आयकर दाताओं को अकसर टीडीएस गलत वित्त वर्ष में काट जाने की समस्‍या का सामना करना पड़ता है. इस तकनीकी चूक के चलते लोग अपने आईटीआर में इसका रिफंड नहीं ले पाते. आयकर विभाग ने एक नया फॉर्म जारी कर इस समस्‍या का समाधान कर दिया है. 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक नया आयकर फॉर्म- फॉर्म 71 जारी किया है. 
यह फॉर्म करदाताओं को गलत वित्तीय वर्ष में कटौती किए जाने पर टीडीएस दावे की उनकी समस्या को हल करने में मदद करेगा. इससे अब करदाता को रिफंड पाने के लिए कर कटौतीकर्ता से संपर्क करने और उनसे अपने टीडीएस को सुधारने के अनुरोध की जरूरत नहीं होगी. यह काम अब सीधे आयकर विभाग मदद से किया जा सकेगा.

1 अक्टूबर से नया आयकर फॉर्म 71 समाधान में करेगा आयकरदाताओं की मदद 
रिटर्न दाखिल करने में अब नहीं होगी कोई परेशानी, आयकर विभाग ने जारी की अधिसूचना
अगर आपके बैंक, नियोक्ता या किसी अन्य वित्तीय संस्थान ने गलत वित्तीय वर्ष में टैक्स काटा है तो, इस समस्या के समाधान के लिए आपको कर कटौतीकर्ता से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं होगी. अब आप सीधे आयकर विभाग के जरिए इस समस्या का समाधान कर सकते हैं.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फॉर्म 71 को अधिसूचित (नोटिफाई) किया है, जिसका उपयोग करदाता किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए गलत ढंग से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) क्रेडिट को सही करने के लिए कर सकते हैं. इस नए फार्म की अधिसूचना 30 अगस्त 2023 को जारी की गई है.

ऐसे होगा समस्‍या का समाधान

इसे आप एक उदाहरण के जरिये समझ सकते हैं. मान लीजिए कि किसी व्यक्ति का वित्त वर्ष 2022-23 (FY 2022-23) यानी आकलन वर्ष 2023-24 (AY 2023-24) में 1 लाख रुपये का FD पर ब्याज है, जिसके लिए बैंक को टीडीएस काटने की आवश्यकता होगी. इसमें बैंक अगर वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) में FD के ब्याज पर टैक्स काट लेता है. चूंकि बैंक ने गलत वित्त वर्ष में टैक्स काटा, इसलिए व्यक्ति वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) में इस टीडीएस का रिफंड क्‍लेम नहीं कर पाएगा. इसकी वजह यह है कि एफडी का ब्याज वित्त वर्ष 2022-23 में कर योग्य था और इस आय पर टीडीएस क्रेडिट का दावा केवल वित्त वर्ष 2022-23 के लिए किया जा सकता है. इस समस्या को ठीक करने के लिए 1 अक्टूबर 2023 से कोई भी व्यक्ति बैंक शाखा में जाने के बजाय सीधे आयकर विभाग से संपर्क कर सकता है. फॉर्म 71 का उपयोग पिछले वित्तीय वर्षों में गलत टीडीएस कटौती के मामलों के समाधान के लिए किया जा सकता है. सीबीडीटी अधिसूचना के अनुसार, फॉर्म 71 करदाता द्वारा आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन जमा किया जा सकता है. फॉर्म को या तो इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) या डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) के जरिये सत्यापित (वेरिफाई) भी करना होगा.

क्‍या कहते हैं टैक्‍स एक्‍सपर्ट 

चंडीगढ़ स्थित सीए फर्म टैक्स हील.कॉम के संस्थापक व चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सतबीर सिंह कहते हैं ''कई व्यक्तिगत करदाताओं को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा था कि वित्तीय वर्ष में कटौतीकर्ता (बैंक या किसी अन्य कटौतीकर्ता) द्वारा कर काटा जा रहा है, जिसमें आय वास्तव में निर्धारिती (असेसी) को भुगतान की जाती है. आमतौर पर लोग आय की घोषणा तब करते हैं जब यह उन्हें देय होती है, न कि तब जब इसका भुगतान किया जाता है या उनके बैंक खाते में जमा किया जाता है. ऐसे में इसके चलते उनका टीडीएस क्रेडिट बेमेल हो जाता है. चूंकि व्यक्ति द्वारा पहले के वर्षों में आईटीआर में देय आय पहले ही घोषित की जा चुकी है, लेकिन टीडीएस उस वित्‍त वर्ष में काटा जा रहा है जब वास्तविक भुगतान किया जा रहा है. इससे टीडीएस का रिफंड लेने में समस्‍या आती है.''
आरएसएम इंडिया के संस्थापक डॉ सुरेश सुराणाकहते हैं ''बेमेल टीडीएस क्रेडिट की समस्या तब होती है, जब आय प्राप्तकर्ता (करदाता) और आय प्राप्तकर्ता के बैंक, कंपनी आदि द्वारा अपनाई जाने वाली अकाउंटिंग पद्धति अलग-अलग होती है. इससे करदाता के लिए उस वित्तीय वर्ष में टीडीएस क्रेडिट का दावा करना मुश्किल हो जाता है, जिसमें कर काटा जाता है, क्योंकि उस वर्ष आईटीआर में वह आय घोषित नहीं की जाती है.''

सीबीडीटी ने क्यों जारी किया नया फॉर्म 

सीबीडीटी ने करदाताओं की समस्या को सुलझाने के लिए नया फॉर्म जारी किया है, ताकि उन्‍हें गलत तरीके से काटे गए टैक्स का क्रेडिट क्लेम करने का मौका मिल सके. टैक्सहील.कॉम के सिंह कहते हैं, "गलत टीडीएस कटौती होने पर करदाताओं के लिए टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए विशेष वित्त वर्ष के लिए संशोधित आईटीआर दाखिल करना संभव नहीं हो पाता, क्योंकि संशोधित आईटीआर (Revised ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख पहले ही बीत चुकी होती है."


क्या है फॉर्म 71 

नया फॉर्म 71 किसी व्यक्ति को टीडीएस क्रेडिट बेमेल की समस्या को हल करने की अनुमति देगा. यह किसी व्यक्ति को टैक्स क्रेडिट का दावा करने की अनुमति देगा यदि आय (जिसका टीडीएस काटा गया है) को करदाता द्वारा पहले ही वित्तीय वर्ष में आईटीआर में घोषित किया जा चुका है. 


फॉर्म 71 का उपयोग की समय-सीमा

गलत टीडीएस क्रेडिट को फॉर्म 71 भर कर ठीक कराने के लिए एक समय सीमा तय की गई है. आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, कोई व्यक्ति उस वित्तीय वर्ष के अंत से दो साल के भीतर आयकर विभाग में फॉर्म 71 दाखिल कर सकता है, जिसमें टीडीएस काटा गया था. यह फॉर्म किसी भी पिछले वित्तीय वर्ष के लिए भरा जा सकता है, जिसमें आय वास्तव में टीडीएस के अधीन थी. बिजनेस कंसल्टेंसी कंपनी नांगिया एंडरसन इंडिया की कार्यकारी निदेशक संजोली माहेश्वरी इसे स्‍पष्‍ट करते हुए बताती हैं कि मान लीजिए कि बैंक को वित्त वर्ष 2018-19 में एफडी के ब्याज पर टीडीएस काटना था, पर बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में टीडीएस काटा. ऐसे में वह व्यक्ति टीडीएस क्रेडिट का दावा करने के लिए 31 मार्च, 2024 तक (वित्त वर्ष 2023-24 तक) आयकर विभाग में फॉर्म 71 जमा कर सकता है. यह समय-सीमा समाप्त हो जाने के बाद यह फॉर्म जमा नहीं किया जा सकता है.



 




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