रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पूरे पांच साल तक इंतज़ार करवाने के बाद आखिरकार मूल ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती की घोषणा की है।
कुछ समय पहले ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की दरों में कटौती के बाद RBI ने भी 07 फरवरी को रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती का फैसला किया है। RBI का लिया गया यह फैसला उन लोगों के लिए एक खुशखबरी है, जो आने वाले समय में होम लोन या कोई अन्य लोन लेने के बारे सोच रहे थे।
माना जा रहा है कि RBI ने इकोनॉमिक ग्रोथ को सहारा देने के लिए रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.25% किया है। रिजर्व बैंक के इस निर्णय का रियल एस्टेट क्षेत्र ने गर्मजोशी से स्वागत किया है, क्योंकि यह घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए राहत लेकर आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से आवासीय मांग को बढ़ावा मिलेगा और किफायती आवास क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
RBI के फैसले का स्वागत करते हुए एसपीजे ग्रुप के चेयरमैन पंकज जैन ने कहा, "रेपो रेट में कटौती रियल एस्टेट उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे उधार लेने की लागत कम होगी, जिससे होमबायर्स की रुचि बढ़ेगी और डेवलपर्स को अपनी परियोजनाओं के लिए अधिक किफायती वित्तपोषण मिलेगा। खासकर मध्य और किफायती आवास क्षेत्रों में इस कदम से काफी लाभ होगा।"
यूनिटी ग्रुप के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर कुणाल बेहरानी ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "यह दर कटौती RBI की विकास समर्थक नीति का संकेत है और यह ऐसे समय आई है जब रियल एस्टेट उद्योग स्थिर वृद्धि की तलाश में था। कम होम लोन ब्याज दरें खरीदारों को निवेश के लिए प्रेरित करेंगी, जबकि डेवलपर्स को नई और मौजूदा परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण लागत में राहत मिलेगी।"
बाजार में तेजी की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से रियल एस्टेट निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी और बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिलेगा। *मोर्स के सीईओ मोहित मित्तल* ने कहा, "करीब पांच वर्षों में पहली बार नीतिगत दर में कटौती का यह निर्णय आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह वित्तपोषण को अधिक आकर्षक बनाएगा और आवासीय एवं वाणिज्यिक रियल एस्टेट परिसंपत्तियों में नई रुचि उत्पन्न करेगा। हमें उम्मीद है कि संस्थागत निवेश में तेजी आएगी और इस क्षेत्र की समग्र स्थिरता सुनिश्चित होगी।"
बैंकों से रेट कट का फायदा ग्राहकों को देने की अपील
डेवलपर्स को उम्मीद है कि बैंक और वित्तीय संस्थान इस दर कटौती का लाभ जल्द से जल्द अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे। *केडीएमजी ग्रुप के डायरेक्टर-सेल्स एंड मार्केटिंग विवेक सिन्हा* ने कहा, "RBI का यह कदम सही दिशा में है। इससे होमबायर्स की पूछताछ में वृद्धि होगी और बाजार की धारणा मजबूत होगी। अब यह महत्वपूर्ण है कि बैंक और वित्तीय संस्थान इस कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचाएं, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में अधिकतम सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित हो सके।"
रियल एस्टेट के बाजार में सुधार की उम्मीद
उद्योग जगत को भरोसा है कि यह दर कटौती भारत के रियल एस्टेट बाजार में निरंतर विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस लाभ को पूरी तरह महसूस करने के लिए, सरकार और RBI को निरंतर नीतिगत समर्थन और वित्तीय सुधारों पर ध्यान देना होगा।
अब यह बैंकिंग संस्थानों पर निर्भर करता है कि वे इस मौद्रिक नीति परिवर्तन को वास्तविक आर्थिक लाभ में कैसे बदलते हैं, जिससे रियल एस्टेट क्षेत्र में नई ऊर्जा और निवेश की लहर देखी जा सके।
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