समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. सपा प्रमुख ने लखनऊ में बुधवार को बैठक के बाद यह जानकारी दी. अबतक अखिलेश के कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे.
अखिलेश के चुनाव न लड़ने के ऐलान के बाद कन्नौज सीट पर सपा के प्रत्याशी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. सपा खेमे से खबर है कि तेज प्रताप यादव कन्नौज से लड़ने की चर्चा चल रही है.
अखिलेश के चुनाव मैदान में न उतरने की प्रमुख वजह यह बताई जा रही है कि उनको यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर प्रचार की कमान संभालनी पड़ेगी. ऐसे में वह खुद चुनाव न लड़कर प्रदेश भर में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के प्रचार का मोर्चा संभालेंगे.
हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि अखिलेश ने मेरठ, मुरादाबाद और रामपुर समेंत कई लोकसभा सीट को लेकर पार्टी में मचे घमासान को देखते हुए यह बड़ा फैसला लिया है. रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की गुजारिश आजम खां ने उनसे की थी, लेकिन सपा प्रमुख ने इससे इनकार कर दिया.
चुनाव लड़ने के मुद्दे को लेकर अखिलेश यादव और आजम खां के बीच भी ठनती नजर आ रही है. अखिलेश के इनकार के बाद रामपुर में आजम के करीबी आसिम रजा ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया.
इसके बाद लखनऊ में बुधवार को अखिलेश ने मीटिंग की. उन्होंने रामपुर, मुरादाबाद और मेरठ के मुद्दे पर चर्चा की. मेरठ से मना करने पर भी नामांकन कराने को लेकर रुचि वीरा पर कार्रवाई के संकेत दिए.
अखिलेश ने आजम का नाम न लेते हुए यह भी कहा, किसी भी नेता के बहकावे में मत आना, मैं कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. वहीं मेरठ सीट पर सपा प्रत्याशी बदलने के मूड में दिख रही है. मेरठ से सपा प्रत्याशी को भी बदला जाएगा. मेरठ से सपा प्रत्याशी भानु प्रताप को बदला जाएगा.
बता दें कि कन्नौज लंबे समय तक सपा का गढ़ रहा है. मुस्लिम यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटों के सहारे खुद अखिलेश यादव यहां से तीन बार सांसद चुने गए हैं. लेकिन डिंपल यादव यहां से मोदी लहर में चुनाव हार गईं. बीजेपी से सुब्रत पाठक ने उन्हें हराया.

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